इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी के तत्वावधान में
गीत संगीत की महफ़िल का रंगारंग आयोजन
अजमेर, 29 अप्रेल। इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी के तत्वावधान में अप्रेल माह की गीत संगीत की महफ़िल का रंगारंग आयोजन वैशाली नगर स्थित क्रेजी टेल रेस्टोरेंट में किया गया। आयोजन में सोसायटी से जुड़े सदस्यों ने एक से बढ़कर एक फ़िल्मी गीत गाकर समां बाँध दिया। कराओके पर गाये गए गीतों पाए सदस्य बरबस ही थिरकने लगे। आयोजन में संस्था के मुख्य संरक्षक संस्थापक डॉ लाल थदानी, महासचिव कुञ्ज बिहारी लाल सहित अन्य सदस्यों ने बेहतरीन नग्मों की जानदार प्रस्तुति दी।
सस्था के सदस्यों मंजु टेकचंदानी, शरद शर्मा, उषा मित्तल, प्रदीप वधाबा, चंदन सिंह भाटी, विजय हलदानिया, मीना कंजानी, अशोक दरयानी, गोपेन्द्र पाल सिंह, कमल शर्मा, वंदना मिश्रा, लक्ष्मण हरजानी, आजाद अपूर्वा, श्याम पारीक,अर्चना पारीक. गणेश चौधरी, रानी चौधरी, डाॅ दीपा थदानी, अनिल जैन, राकेश गौड, अनुप गौड, रश्मि मिश्रा, मीना खिलयानी, नीरज मिश्रा, मंजु चैनानी, हेमचन्द गहलोत, लक्ष्मण चैनानी, सुषमा शर्मा, कमरजहां, शकील खान, डाॅ अभिषेक माथुर, लता शर्मा, लता लखयानी और आलोक वर्मा ने सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी।
सदस्यों के गाये गीत
कुंजबिहारीलाल ने मैं जट यमला पगला दिवाना, मंजु टेकचंदानी ने माई हर्ट ईज वीटिंग, डाॅ लाल थदानी ने हम बोलेगा तो बोलोगे की बोलता है, शरद शर्मा एंव उषा मित्तल ने रंग भरे मौसम में रंग चुरा के, प्रदीप वधाबा ने गुलाबी ऑखे जो तेरी देखी, चंदन सिंह भाटी ने सोचेंगे तुम्हे प्यार करें के नहीं, विजय हलदानिया ने मुसाफिर हु यारों न घर है, मीना कंजानी ने वादियाँ मेरा दामन रास्ते, अशोक दरयानी ने ये मोह मोह के धागे, गोपेन्द्र पाल सिंह एंव मीना कंजानी ने दिवाना हुआ बादल, कमल शर्मा एंव वंदना मिश्रा ने जिसके सपने हमें रोज आते, लक्ष्मण हरजानी ने ये काली काली ऑखे ये, आजाद अपूर्वा ने तु मायके मत जईयो मत, श्याम पारीक एंव अर्चना पारीक ने महबूब मेरे महबूब मेरे तू है तो, श्याम पारीक ने कान में झुमका चाल मे ठुमका, गणेश चौधरी ने ए शनम जिसने तुझे चांद, रानी चौधरी ने अजीब दास्ता है ये कंहा शुरू कंहा खत्म, डाॅ दीपा थदानी ने तेरी ऑखों के सिवा दुनिया, अनिल जैन ने जीवन से भरी तेरी यादें, राकेश गौड ने का करू सजनी आए ना बालम, अनूप गौड ने अब तेरे बिन जी लेंगे हम, रशिम मिश्रा ने सोलह बरस की बाली उम्र, मीना खिलयानी ने नैना बरसे रिमझिम रिमझिम नैना बरसे, नीरज मिश्रा ने गम का फसाना बन गया अच्छा, मंजु चैनानी एंव कमल शर्मा ने आज मदहोश हुआ जाए रे, उषा मित्तल एंव वंदना मिश्रा ने मन क्युं महका रे महका आधी रात, हेमचन्द गहलोत:ने इस तरह मुहब्बत की शुरूआत किजिए, लक्ष्मण चैनानी ने ओ मन चली कहाॅ चली
सुषमा शर्मा ने नैनो में बदरा छाए बिजली सी, कमरजहां ने जब छाए मेरा जादू, शकील खान ने मोहब्बत अब तिजारत बन गई है, डाॅ अभिषेक माथुर ने जलते है जिसके लिए तेरी ऑखों दिये, लता शर्मा ने ओ सजना बरखा बहार आई, लता लखयानी ने रेशम का रूमाल गले मे डाल,अशोक दरयानी और मंजू टेकचंदानी ने मेरी सांसों को महक का रही है तथा आलोक वर्मा ने पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले गीतों ने कार्यक्रम को निरंतर मनोरंजक बनाए रखा। सहभोज के साथ समापन हुआ।