ललित गर्ग/संस्कार न्यूज
मानवीय गतिविधियों और क्रिया-कलापों के कारण दुनिया का तापमान बढ़ रहा है और इससे जलवायु में होता जा रहा परिवर्तन अब मानव जीवन के हर पहलू के साथ जलाशयों एवं नदियों के लिए खतरा बन चुका है। जलवायु परिवर्तन का खतरनाक प्रभाव गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र सहित प्रमुख जलाशयों और नदी घाटियों में कुल जल भंडारण पर खतरनाक स्तर पर महसूस किया जा रहा है, जिससे लोगों को गंभीर जल परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। केंद्रीय जल आयोग के नवीनतम आंकड़े भारत में बढ़ते इसी जल संकट की गंभीरता को ही दर्शाते हैं। आंकड़े देश भर के जलाशयों के स्तर में आई चिंताजनक गिरावट की तस्वीर उकेरते हैं। रिपोर्ट के अनुसार 25 अप्रैल 2024 तक देश में प्रमुख जलाशयों में उपलब्ध पानी में उनकी भंडारण क्षमता के अनुपात में तीस से पैंतीस प्रतिशत की गिरावट आई है। जो हाल के वर्षों की तुलना में बड़ी गिरावट है। जो सूखे जैसी स्थिति की ओर इशारा करती है। जिसके मूल में अल नीनो घटनाक्रम का प्रभाव एवं वर्षा की कमी को बताया जा रहा है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। मानव एवं जीव-जन्तुओं के अलावा जल कृषि के सभी रूपों और अधिकांश औद्योगिक उत्पादन प्रक्रियाओं के लिये भी बेहद आवश्यक है। परंतु आज भारत गंभीर जल-संकट के साए में खड़ा है। अनियोजित औद्योगीकरण, बढ़ता प्रदूषण, घटते रेगिस्तान एवं ग्लेशियर, नदियों के जलस्तर में गिरावट, वर्षा की कमी, पर्यावरण विनाश, प्रकृति के शोषण और इनके दुरुपयोग के प्रति असंवेदनशीलता भारत को एक बड़े जल संकट की ओर ले जा रही है।
भारत भर में 150 प्रमुख जलाशयों में जल स्तर वर्तमान में 31 प्रतिशत है, दक्षिण भारत में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, जिसके 42 जलाशय वर्तमान में केवल 17 प्रतिशत क्षमता पर हैं। यह भारत के विभिन्न क्षेत्रों में देखी गई सबसे कम जल क्षमता का प्रतीक है। स्थिति अन्य क्षेत्रों में भी चिंताजनक है, पश्चिम में 34 प्रतिशत और उत्तर में 32.5 प्रतिशत जलाशय क्षमता है। हालाँकि, पूर्वी और मध्य भारत की स्थिति बेहतर हैं, उनके पास अपने जलाशयों की सक्रिय क्षमता का क्रमशः 40.6 प्रतिशत और 40 प्रतिशत है, पिछले वर्ष वर्षा कम थी, विशेष रूप से दक्षिण भारत में, 2023 का मानसून असमान था क्योंकि यह अल नीनो वर्ष भी था – एक जलवायु पैटर्न जो आम तौर पर इस क्षेत्र में गर्म और शुष्क परिस्थितियों का कारण बनता है। इससे काफी चिंता पैदा हुई है. वर्तमान में, सिंचाई भी प्रभावित हो रही है, और देश भर में पीने के पानी की उपलब्धता और जलविद्युत उत्पादन पर प्रभाव के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं। भविष्य को देखते हुए, आने वाले महीनों में और अधिक गर्मी पड़ने की आशंका है, जो दर्शाता है कि आने वाले दिनों में बड़ा जल संकट उभरने वाला है।
लंबे समय तक पर्याप्त बारिश न होने के कारण जल भंडारण में यह कमी आई है। जिसके चलते कई क्षेत्रों में सूखे जैसे और असुरक्षित हालात पैदा हो गये हैं। जिससे विभिन्न फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि देश की आधी कृषि योग्य भूमि आज भी मानसूनी बारिश के निर्भर है। ऐसे में सामान्य मानसून की स्थिति पर कृषि का भविष्य पूरी तरह निर्भर करता है। वास्तव में लगातार बढ़ती गर्मी के कारण जल स्तर में तेजी से गिरावट आ रही है। इसके गंभीर परिणामों के चलते आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे राज्यों में पानी की कमी ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। देश का आईटी हब बेंगलुरु गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। जिसका असर न केवल कृषि गतिविधियों पर पड़ रहा है बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ऐसे में किसी आसन्न संकट से निपटने के लिये जल संरक्षण के प्रयास घरों से लेकर तमाम कृषि पद्धतियों और औद्योगिक कार्यों तक में तेज करने की जरूरत है। जल भंडारण और वितरण दक्षता में सुधार के लिये पानी के बुनियादी ढांचे और प्रबंधन प्रणालियों में बड़े निवेश की तात्कालिक जरूरत भी है। इसके साथ ही जल संरक्षण की परंपरागत तकनीकों को भी बढ़ावा देने की जरूरत है। साथ ही आम लोगों को प्रकृति के इस बहुमूल्य संसाधन के विवेकपूर्ण उपयोग को बढ़ावा हेतु प्रेरित करने के लिए जनजागरण अभियान चलाने की जरूरत है।
पानी के संरक्षण और समुचित उपलब्धता को सुनिश्चित कर हम पर्यावरण को भी बेहतर कर सकते हैं तथा जलवायु परिवर्तन की समस्या का भी समाधान निकाल सकते हैं। आप सोच सकते हैं कि एक मनुष्य अपने जीवन काल में कितने पानी का उपयोग करता है, किंतु क्या वह इतने पानी को बचाने का प्रयास करता है? जलवायु परिवर्तन के कारण 2000 से बाढ़ की घटनाओं में 134 प्रतिशत वृद्धि हुई है और सूखे की अवधि में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पानी धरती पर जीवन के अस्तित्व के लिए आधारभूत आवश्यकता है। आबादी में वृद्धि के साथ पानी की खपत बेतहाशा बढ़ी है, लेकिन पृथ्वी पर साफ पानी की मात्रा कम हो रही है। जलवायु परिवर्तन और धरती के बढ़ते तापमान ने इस समस्या को गंभीर संकट बना दिया है। दुनिया के कई हिस्सों की तरह भारत भी जल संकट का सामना कर रहा है। वैश्विक जनसंख्या का 18 प्रतिशत हिस्सा भारत मंे ंनिवास करता है, लेकिन चार प्रतिशत जल संसाधन ही हमें उपलब्ध है। भारत में जल-संकट की समस्या से निपटने के लिये प्राचीन समय से जो प्रयत्न किये गये है, उन्हीं प्रयत्नों को व्यापक स्तर पर अपनाने एवं जल-संरक्षण क्रांति को घटित करने की अपेक्षा है।
सदियों से निर्मल जल का स्त्रोत बनी रहीं नदियाँ प्रदूषित हो रही हैं, अब उन पर जलवायु परिवर्तन का घातक प्रभाव पड़ने लगा है। जल संचयन तंत्र बिगड़ रहा है, और भू-जल स्तर लगातार घट रहा है। धरती पर सुरक्षित और पीने के पानी के बहुत कम प्रतिशत के आंकलन के द्वारा जल संरक्षण या जल बचाओ अभियान हम सभी के लिये बहुत जरूरी हो चुका है। जल को बचाने में अधिक कार्यक्षमता लाने के लिये सभी औद्योगिक बिल्डिंगें, अपार्टमेंट्स, स्कूल, अस्पतालों आदि में बिल्डरों के द्वारा उचित जल प्रबंधन व्यवस्था को बढ़ावा देना चाहिये। देश के सात राज्यों के 8220 ग्राम पंचायतों में भूजल प्रबंधनों के लिए अटल भूजल योजना चल रही है। स्थानीय समुदायों के नेतृत्व में चलने वाला यह दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। साथ ही, नल से जल, नदियों की सफाई, अतिक्रमण हटाने जैसे प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हो रहे हैं। हमारे यहां जल बचाने के मुख्य साधन हैं नदी, ताल एवं कूप। इन्हें अपनाओं, इनकी रक्षा करो, इन्हें अभय दो, इन्हें मरुस्थल के हवाले न करो। गाँव के स्तर पर लोगों के द्वारा बरसात के पानी को इकट्ठा करने की शुरुआत करनी चाहिये। उचित रख-रखाव के साथ छोटे या बड़े तालाबों को बनाकर या उनका जीर्णोद्धार करके बरसात के पानी को बचाया जा सकता है। धरती के क्षेत्रफल का लगभग 70 प्रतिशत भाग जल से भरा हुआ है। परंतु, पीने योग्य जल मात्र तीन प्रतिशत है। इसमें से भी मात्र एक प्रतिशत मीठे जल का ही वास्तव में हम उपयोग कर पाते हैं।
पानी का इस्तेमाल करते हुए हम पानी की बचत के बारे में जरा भी नहीं सोचते, जिसके परिणामस्वरूप अधिकांश जगहों पर जल संकट की स्थिति पैदा हो चुकी है। जल का संकट एवं विकट स्थितियां अति प्राचीन समय से बनी हुई है। इसी कारण राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश आदि प्रांतों में जल संरक्षण के लिये नाड़ी, तालाब, जोहड़, बन्धा, सागर, समंद एवं सरोवर आदि बनाने की प्राचीन परम्परा रही है। जहाँ प्रकृति एवं संस्कृति परस्पर एक दूसरे से समायोजित रही हैं। राजस्थान के किले तो वैसे ही प्रसिद्ध हैं पर इनका जल प्रबन्धन विशेष रूप से देखने योग्य है और अनुकरणीय भी हैं। जल संचयन की परम्परा वहाँ के सामाजिक ढाँचे से जुड़ी हुई हैं तथा जल के प्रति धार्मिक दृष्टिकोण के कारण ही प्राकृतिक जलस्रोतों को पूजा जाता है।
ब्रेकिंग
- खुद की लाइसेंसी रिवाल्वर से लगी गोली,घायल हुए अभिनेता गोविंदा
- मनोज जरांगे से मिले छत्रपति संभाजी बोले हक है,सीएम शिंदे के सामने आरक्षण का रोड़ा !
- स्कुल मिड डे मिल के भोजन में मिली छिपकली ,६५ बच्चे की तबियत खराब: झारखण्ड
- मुंबई की जीवन रेखा लोकल रेल में हुए सवार रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव,यात्रियों ने लगा दी शिकायतों की झड़ी!मुंबई
- भोजन के साम्प्रदायिक बनने से पूर्व, सालों पुराने नियमों को बदलने की जरुरत – अतुल मलिकराम, राजनीतिक रणनीतिकार
- विश्वासघाती सोई सरकार को जगाने का वक्त आ गया : बोले आदित्य ठाकरे
- कांग्रेस के हुए विनेश और बजरंग पुनिया ,बोला चक दे इण्डिया : देश
- देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के टाइम्स टॉवर बिल्डिंग में आग!
- धुले एक्सप्रेस ट्रेन में बुजुर्ग से मारपीट का वीडियो बनाने वाले युवक को पुलिस ने गिरफ्तार: भारतीय रेल
- मुंबई और इंदौर के बीच 309 किमी की नई रेलवे लाइन परियोजना को रेलमंत्री ने दी मंजूरी : देश
- मेरा जूता है जापानी समूह गान की रही यादगार प्रस्तुति
- MLA से सीएम योगी की मुलाकात, यूपी में बड़ी सियासी हलचल!
- मध्य रेल प्रशासन का सिरदर्द बना मंडल रेल अस्पताल कल्याण अपघात विभाग!
- हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 मे ऐतिहासिक जीत हासिल करेगी कांग्रेस पार्टी — हरकेश शर्मा
- Happy Birthday
- विवादित कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी से नाक रगड़कर मांगी माफी : धर्म
- रेल IRCTC की वेबसाइट हैक कर 4.25 करोड़ की धोखाधड़ी,मुंबई विजिलेंस ने किया भंडाफोड़
- RPF महानिदेशक मनोज यादव ने लॉन्च किया संज्ञान ऐप : पढिए
- छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल की प्रदर्शनी शुरू
- मोहम्मद हनीफ को संगीत शिरोमणि अवार्ड
- विश्व योग दिवस पर योग से जीवन में होने वाले लाभों के बारे में जानकारी
- आकृति इंस्टीट्यूट का छात्रों द्वारा बनाए गए मॉडल की प्रदर्शनी 22 और 23 को
- लगा खुद की ही लाठी ने अपाहिज कर दिया, उसे जब उसके ही बेटे ने खारिज कर दिया
- सहस्त्रताल ट्रैक पर नौ ट्रैकरों की मौत, २४ की जान बचाई गई :देश
- इन्डिया में इंडिया की बनेगी सरकार! बोले उद्धव ठाकरे
- भाजपा अपने ही ये 10 गढ़ नहीं बचा पा रही है! Election Result 2024
- जम्मू-कश्मीर में हुए बस हादसा में २२ की मौत
- पप्पू यादव पहुंचे वाराणसी, कहा बनारस अपने बेटे के साथ है और खुलकर बाय बाय मोदी बोल रहा है! पढ़िए
- रेल जैसा बड़ा मंत्रालय नियम और व्यवस्था प्रधान होना चाहिए, या व्यक्ति प्रधान! देश
- कांग्रेस की महालक्ष्मी का परिवार द्वारा महिलाओं के खाते में 4 जुलाई को 8500 रुपये खटाखट ट्रांसफर! देश
- शाहरुख ख़ान डीहाइड्रेशन के चलते अहमदाबाद के अस्पताल में दाखिल
- भारत में लापता हुए सांसद अनवारूल अजीम का कोलकाता में कत्ल!टुकड़ों में मिला शव
- 22आर्मी डॉग यूनिट का एक आर्मी डॉग मेरू सेवानिवृत्त,रेल में फर्स्ट एसी कोच में सफर कर घर पहुंचा :देशसेवा
- UP सीएम पद से हटाए जाएंगे योगी आदित्यनाथ!
- ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री की हेलिकॉप्टर क्रैश में मौत
- Covaxin टीके पर BHU की स्टडी पर ICMR ने उठाए सवाल!प्रोफेसर को दी चेतावनी,जवाब माँगा
- महाराष्ट्र के बीड में बूथ कैप्चरिंग? लोकसभा चुनाव २०२४
- मेरठ में छापेमारी के दौरान ७० किलो बारूद बरामद : उत्तरप्रदेश
- पांचवें चरण के लिए यूपी की 14 सीटों पर वोटिंग शुरू :लोकसभा चुनाव २०२४
- महाराष्ट्र के 13 लोकसभा सीटों पर वोटिंग शुरू: लोकसभा चुनाव २०२४
- महाविकास आघाडी का दावा ४ जून से आएंगे अच्छे दिन: महाराष्ट्र
- प्रयागराज रैली में राहुल गाँधी का बड़ा दावा,बीजेपी सीट कितनी जीतेगी !
- महाराष्ट्र में INDIA गठबंधन कितनी सीटें जीत रहा, खरगे ने कर दी भविष्यवाणी:लोकसभा २०२४
- बाहुबली धनंजय सिंह का BJP के समर्थन में आना यह रिश्ता क्या कहलाता है ?पढ़िए
- आर्टिकल 370 को लेकर एक बार फिर बीजेपी पर फारुक अब्दुल्ला ने साधा निशाना :जम्मू
- देश में नागरिकों के आर्थिक बचत में भारी गिरावट,३ साल में ९ लाख करोड़ बचत ख़त्म! भारत
- Sanskar news 7 May 2024
- साहित्य समूह में बिछाये जा रहे – राजनीति का मकड़जाल
- बोइंग प्लेन में खामियों का खुलासा करने वाले एक और व्हिसलब्लोअर की मौत
- दिल्ली में सीजन का सबसे गर्म दिन, राजस्थान में हीटवेव का अलर्ट; IMD ने दी चेतावनी
- प्री वेडिंग – एक फिज़ूलखर्च
- भारतीय मूल के लोग पूरी दुनियां में अपना जलवा बिखेर रहे हैं
- यादें
- श्री पीताम्बरा आश्रम में नक्षत्र आराधना पौधरोपण
- गहराते जल-संकट से जीवन एवं कृषि खतरे में
- Seconds from Death: A Heart-Stopping Encounter
- इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी द्वारा रंगारंग आयोजन
- epaper
- World Cup Semifinal Scenario: भारत के साथ कौन सेमीफाइनल में पहुंच सकता? किसका दावा मजबूत, पाकिस्तान भी रेस में
- सेल के आखिरी दिनों में उठा लें फायदा, धड़ाम से गिर गए इन 5 फोन्स के दाम, कीमत 5,999 रुपये से शुरू
- ओलंपिक में क्रिकेट का पहला गोल्ड मेडल किसने जीता? कितनी टीमों को मिला मौका, क्या भारत उतरा था?
- अरे बाप रे! डेंगू-मलेरिया ही नहीं…अब यह वायरस भी फैला रहा मच्छर, हेल्थ डिपार्टमेंट के खड़े हुए कान
- चंद्रयान-3 में परमाणु तकनीक का उपयोग, क्या था इसका मकसद? क्यों इसरो के मिशनों के लिए साबित होगा फायदेमंद?
- Hello world!