सहस्त्रताल ट्रैक पर नौ ट्रैकरों की मौत, 13 की जान बचाई गई,जबकि 11 को एयरलिफ्ट द्वारा बचाया गया
बीते 29 मई को कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकरों का 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए रवाना हुआ था।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के दौरान मौसम खराब होने के चलते रास्ता भटकने से नौ ट्रैकरों की मौत हो गई। सूचना मिलने पर प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 13 ट्रैकरों को सुरक्षित निकाल लिया। इनमें से 11 को एयरलिफ्ट किया गया। दो को वन विभाग की टीम पैदल लेकर आ रही है। पांच के शव बुधवार को ही मिल गए हैं। जबकि लापता चार लोगों के शव बृहस्पतिवार को लाए जाएंगे। 29 मई को कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकरों का 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए रवाना हुआ था। जिसके बाद वह वहां फंस गए थे।
बीते 29 मई को कर्नाटक और महाराष्ट्र के ट्रैकरों का 22 सदस्यीय दल मल्ला-सिल्ला से कुश कल्याण बुग्याल होते हुए सहस्त्रताल की ट्रैकिंग के लिए रवाना हुआ था। दो जून को दल सहस्त्रताल के कोखली टॉप बेस कैंप पहुंचा था। इनमें से 20 ट्रैकर्स तीन जून को सहस्त्रताल के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अचानक मौसम खराब होने से घने कोहरे और बर्फबारी के बीच सभी फंस गए। समुचित व्यवस्था नहीं होने से पूरी रात उन्हें ठंड में काटनी पड़ी थी। इसमें पांच ट्रैकर्स की मौत हो गई, जबकि बाकी वहां फंसे हुए थे।
सेना की टीम भी रेस्क्यू में जुटी
मंगलवार शाम ट्रैकिंग एजेंसी के मालिक ने जिला प्रशासन को ट्रैकर्स के फंसने और मौत की सूचना दी। प्रशासन ने तत्काल हादसे की सूचना एसडीआरएफ कमांडेंट को देते हुए रेस्क्यू के लिए टीम भेजने का आग्रह किया। बुधवार दिन होते ही सहस्त्रताल के लिए अलग-अलग दिशाओं से एसडीआरएफ व वन विभाग की रेस्क्यू टीमें रवाना की गईं। वायु सेना की हेली सर्च एंड रेस्क्यू टीम भी अभियान में शामिल हुई।
मौसम बिगड़ने के कारण रोकना पड़ा रेस्क्यू
डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट की निगरानी में युद्धस्तर पर शुरू रेस्क्यू के तहत बुधवार शाम तक 13 ट्रैकरों को सुरक्षित निकाला गया। वहीं, पांच ट्रैकरों के शव बरामद कर लिए गए। दोपहर बाद मौसम बिगड़ने से रेस्क्यू रोकना पड़ा। रेस्क्यू टीमों में वायुसेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, निम, वन विभाग आदि शामिल हैं। उत्तरकाशी के एसपी अर्पण यदुवंशी ने बताया कि लापता चल रहे ट्रैकर्स की भी मौत हो गई है। उनके शवों को बृहस्पतिवार को लाया जाएगा।
दूसरा बड़ा हादसा
वर्ष 2022 में हुए निम के द्रौपदी का डांडा हिमस्खलन हादसे के बाद दूसरा बड़ा हादसा। उस हादसे में 28 पर्वतारोहियों की हिमस्खलन की चपेट में आने से मौत हुई थी। हादसे के बाद से एक व्यक्ति आज भी लापता है।
इनकी हुई मौत
1.सिंधु वाकेलाम
2.आशा सुधाकर
3.सुजाता मुंगरवाडी
4.विनायक मुंगुरवाडी
5.चित्रा प्रणीत
6.वेंकटेश प्रसाद (53)
7.पदमांधा कृष्णमूर्ति (50)
8.अनिता रंगप्पा (60)
9- पद्मिनी हेगड़े (34) सभी बंगलूरू के रहने वाले थे।
सुरक्षित निकाले गए ट्रैकर्स
1.सौम्या कनाले
2.स्मृति डोलस
3.शीना लक्ष्मी
4.एस शिवा ज्योति
5.अनिल जमतीगे अरुणाचल भट्ट
6.भारत बोम्मना गौडर
7.मधु किरण रेड्डी
8.जयप्रकाश बीएस
9.एस सुधाकर
10.विनय एमके
11.विवेक श्रीधर
12.नवीन ए
13.रितिका जिंदल