Sunday, October 13, 2024
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मनोज जरांगे से मिले छत्रपति संभाजी बोले हक है,सीएम शिंदे के सामने आरक्षण का रोड़ा !

महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे के सामने रखी आरक्षण की  मांग,कैबिनेट में तय करें  संभाजी छत्रपति ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि केवल मनोज जरांगे के प्रदर्शन को समर्थन करने से कुछ नहीं होगा. उन्होंने कहा कि मनोज जरांगे की मांग मानी जानी चाहिए.

पूर्व सांसद छत्रपति संभाजीराजे ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि वह कैबिनेट की बैठक में आज (23 सितंबर) मराठा आरक्षण की मांग पर फैसला ले. उन्होंने साथ ही कहा कि विपक्षी पार्टियों को भी सरकार से पूछना चाहिए वह किस तरह से आरक्षण मुहैया कराएगी. जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में छत्रपति सांभाजी महाराज ने एक्टिविस्ट मनोज जरांगे से भी मुलाकात की है. मनोज जरांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर कई बार अनशन कर चुके हैं.

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सांभाजी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ”आज कैबिनेट की बैठक होनी है और इस पर फैसला होना चाहिए. मराठा आरक्षण को लेकर जरांगे की मांग पर हां या ना होना चाहिए. मैं सरकार से यह कहना चाहता हूं कि पहले मराठा समुदाय को आरक्षण मिलता था जो कि साहू महाराज ने दिया था. अगर सरकार जरांगे की सेहत को लेकर गंभीर नहीं है तो उनके सत्ता में रहने का क्या मतलब है.”

बता दें इस साल महाराष्ट्र विधानसभा एक विधेयक पारित किया है जिसमें मराठा समुदाया को शिक्षा एवं सरकारी नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है लेकिन जरांगे यह मांग कर रहे हैं कि मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में लाया जाए. उन्होंने कुनबी समुदाय को ओबीसी सर्टिफिकेट देने की भी मांग की है.

सांभाजी ने विपक्ष पर भी साधा निशाना
सांभाजी ने कहा कि जरांगे की मेडिकल रिपोर्ट ठीक नहीं है. अगर कुछ गलत होता है तो सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी. सत्ता पक्ष और विपक्ष को साथ आना होगा और बताना होगा कि वे आरक्षण दे सकते हैं या नहीं. ऐसा लगता है कि विधानसभा चुनाव होने के कारण उन्हें मनोज जरांगे, मराठा और बहुजन समाज की जरूरत नहीं है. यह बर्दास्त नहीं किया जाएगा. इस वक्त मनोज जरांगे के प्रदर्शन के विरोध में लक्ष्मण हाके भी ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. वह मांग कर रहे हैं कि ओबीसी आरक्षण के साथ कोई छेड़छाड़ ना किया जाए. हालांकि जालना के एसपी अजय कुमार बंसल ने बताया कि दोनों ही तरफ स्थिति शांतिपूर्ण है और प्रदर्शनकारी प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं.

वहीं, विपक्षी पार्टियों को निशाने पर लेते हुए सांभाजी ने कहा कि केवल जरांगे के प्रदर्शन को समर्थन देने से कुछ नहीं होगा. विपक्ष को आगे आकर इस पर बात करनी चाहिए. अगर जरांगे विशेष सत्र की मांग कर रहे हैं तो बुलाई जानी चाहिए. उधर, शरद पवार गुट के सांसद बजरंग सोनावने ने भी रविवार रात को जरांगे से मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि हम जरांगे की सेहत को लेकर चिंतित हैं. सरकार को यह देखना होगा कि उनका प्रदर्शन समाप्त हो पाए. या कि दोनों ही तरफ स्थिति शांतिपूर्ण है और प्रदर्शनकारी प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं.

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